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डॉ०रामबली मिश्र का सवैया




डॉ०रामबली मिश्र का

         सवैया


करना मत बात कभी उससे, जिसके मन में नित चोर घुसा।


समझे अति उत्तम बात कहाँ, जिसके दिल में अरि द्वेष फँसा।


नहिं मानत है उपदेश कभी, जिसके उर में अति मोह धँसा।


कबहूँ नहिं जागत है मनवा,जब कंठ पिशाच दुधार बसा।




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3 Comments

Varsha_Upadhyay

03-Jan-2023 08:20 PM

बेहतरीन

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Muskan khan

01-Jan-2023 07:24 PM

Well done

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